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पार्वती पंचक स्तोत्र विवाह का योग बनना, पति-पत्नी की प्राप्ति, प्रेम विवाह जल्दी होना, स्वास्थ्य और अच्छे संबंध, आर्थिक तंगी से राहत, भक्ति और श्रद्धा में वृद्धि, शांति और सुख में वृद्धि, मुक्ति, मोक्ष और संपूर्णता की प्राप्ति में महापार्वती की विशेष कृपा पाने के लिए Parvati Panchak Strota अत्यंत प्रभावशाली उपाय है।
भारतीय संस्कृति में मां पार्वती को देवी और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। पौराणिक कथाओं में मातृ भाव के साथ मां पार्वती भगवान शिव को विपत्ति से बचाने वाली भी दिखाई देती हैं। पार्वती पंचक स्तोत्र मां पार्वती की महिमा और शक्ति को समर्पित है । यहां हम इस महान स्तोत्र के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करेंगे।
इस लेख में हम जानेंगे कि पार्वती पंचक स्तोत्र क्या होता है, यह स्त्रोत मां पार्वती का पाठ होता है, जिसको करने से विवाह का योग अति शीघ्र बनता है, पति पत्नी या जिनके विवाह में कोई समस्या आ रही है या प्रेम विवाह करना चाहते हैं तो इसका पाठ कैसे करें वो तरीका हम आपको बताएँगे….
मान्यता है कि माँ पार्वती स्त्रोत का पूर्ण श्रद्धा और समर्पण के साथ नियमित पाठ करने से, पढ़ने से, सुनने से, चिंतन और मनन से दाम्पत्य जीवन में आनंद और सुख की प्राप्ति होती है, जिन किसी के दाम्पत्य जीवन में कलह क्लेश रहती है उन पति पत्नी के जोड़े के लड़ाई झगड़े सदा के लिए समाप्त हो जाते हैं और शादी शुदा जीवन में मधुरता आती है, और जिनकी शादी होने में दिक्कत आती है, उनके विवाह में कोई न कोई अड़चन आती रहती है, प्रेम विवाह में कोई समस्या आती है तो उनकी समस्याओं का समाधान शीघ्रता से हो जाता है, तो भक्तों बड़े ही श्रद्धा पूर्वक पार्वती पंचक स्त्रोत का पाठ करना चाहिए।
पार्वती पंचक स्तोत्र सभी का हित और कल्याण करने की परंपरा का हिस्सा है, जिसमें पार्वती देवी की महिमा और गुणों का वर्णन किया गया है। यह स्तोत्र उन सभी भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है जो पार्वती माता की कृपा को प्राप्त करना चाहते हैं। इसका श्रद्धा, विश्वास और समर्पण के साथ सच्चे मन से पाठ करने से समस्त बुराईयों से बचा जा सकता है और सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति हो सकती है।
इस स्तोत्र में मां पार्वती का चारित्रिक वर्णन किया गया है। वह वेदनेत्रविन्द (आंखों के बीजाक्षर) हैं, जिनकी आंखें नीले रंग की हैं। उनके मस्तक पर छोटा सा चिन्ह है जो चंद्रमा के बीजाक्षर के रूप में प्रतिष्ठित है। उनकी सवारी सूर्य की पहली किरणों का जिसे अरनिमा कहा जाता है और उन्हें नमस्कार किया जाता है जो सर्वग्रह का संचालन करती हैं।
पार्वती पंचक स्तोत्र का मुख्य उद्देश्य है पार्वती माता की महिमा और शक्ति को श्रद्धा और भक्ति के साथ स्तुति करना है। इसके माध्यम से भक्त अपने मन में पार्वती देवी के द्वारा मातृत्व के भाव को चेतन कर सकते हैं और उनकी कृपा को प्राप्त कर सकते हैं। यह स्तोत्र वर्णित किए गए श्लोकों के माध्यम से अपने मन को शुद्ध और स्थिर करने का भी उद्देश्य रखता है।
पार्वती पंचक स्तोत्र की महिमा अत्यंत महान है। यह स्तोत्र पार्वती माँ की प्रशंसा करता है और विभिन्न रूपों में उनकी महानता और सामर्थ्य को दर्शाता है। पार्वती पंचक के पढ़ने मात्र से श्रद्धा और भक्ति में वृद्धि होती है और मातारानी की कृपा के द्वारा आपके सभी विघ्न और दुःख दूर होते हैं। इसके अलावा, इस स्तोत्र को पढ़ने से आपकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और आप प्रगाढ़ और स्थिर भाव में रहते हैं।
पार्वती पंचक स्तोत्र का पाठ करने से विभिन्न आर्थिक, सामाजिक और परिवारिक समस्याओं का समाधान होता है। यहां हम कुछ महत्वपूर्ण फायदे देखेंगे जो पार्वती पंचक स्तोत्र के पाठ करने से होते हैं। पार्वती पंचक स्तोत्र के पाठ से अनेक लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:
यह स्तोत्र महादेव शिव के जीवनसंगी पार्वती देवी की महिमा और आराधना में समर्पित है। इस स्तोत्र के द्वारा देवी पार्वती की कृपा प्राप्त की जाती है और विवाह, संतान प्राप्ति, सौभाग्य और प्रेम जैसे क्षेत्र में समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह स्तोत्र देवी पार्वती के मातृ भाव, मानवता के प्रतीक और सौभाग्य का प्रतीक है।
जिन कुंवारे लड़के लड़कियों के विवाह का योग नहीं बन पाता, अनेक उपाय कराने के बाद भी उनका सम्बन्ध नही बन पाता, जानकार बताते हैं कि विभिन्न धार्मिक पुस्तकों में लिखा है अगर शिव जी के मंदिर में जाकर रोजाना पार्वती पंचक श्लोक का पाठ करेंगे तो विवाह का योग अति शीघ्र बनेगा आप इसी सोमवार से भोलेनाथ के मंदिर में जाकर इसका पाठ करें आपका विवाह योग, प्रेम विवाह में अड़चन, प्रेम संबंधों में मधुरता के अलावा आपको हर कार्य में सफलता प्राप्त होगी, इसके अलावा इसके श्रवण से भी लाभ प्राप्त हो सकता है
यहां हम पार्वती पंचक स्तोत्र को देवनागरी लिपि में दर्शा रहे हैं। इस स्तोत्र के पाठ करने से प्रतिदिन की सुख-शांति की कामना की जाती है:
घराधरेन्द्र नन्दिनी शशंक मालि संगिनी, सुरेश शक्ति वर्धिनी नितान्तकान्त कामिनी। निशा चरेन्द्र मर्दिनी त्रिशूल शूल धारिणी, मनोव्यथा विदारिणी शिव तनोतु पार्वती| भुजंग तल्प शामिनी महोग्रकान्त भागिनी, प्रकाश पुंज दायिनी विचित्र चित्र कारिणी। प्रचण्ड शत्रु धर्षिणी दया प्रवाह वर्षिणी, सदा सुभाग्य दायिनी शिव तनोतु पार्वती। प्रकृष्ट सृष्टि कारिका प्रचण्ड नृत्य नर्तिका , पनाक पाणिधारिका गिरिश ऋग मालिका। समस्त भक्त पालिका पीयूष पूर्ण वर्षिका, कुभाग्य रेख मर्जिका शिव तनोतु पार्वती। तपश्चरी कुमारिका जगत्परा प्रहेलिका, विशुद्ध भाव साधिका सुधा सरित्प्रवाहिका। प्रयत्न पक्ष पौसिका सदार्धि भाव तोषिका, शनि ग्रहादि तर्जिका शिव तनोतु पार्वती। शुभंकरी शिवंकरी विभाकरी निशाचरी, नभश्चरी धराचरी समस्त सृष्टि संचरी। तमोहरी मनोहरी मृगांक मालि सुन्दरी, सदोगताप संचरी, शिवं तनोतु पार्वती।।
अगर आप बहुत समय से चट मंगनी पट विवाह के उपाय ढूंढ रहे हैं तो पार्वती पंचक स्त्रोत से बेहतरीन कुछ नहीं है आपको सिर्फ इतना करना है कि शिव मंदिर में जाकर इसका नियमित पाठ करने मात्र से आपको बहुत जल्द आपकी चट मंगनी पट विवाह की खबर सुनने को मिलेगी और उसमें आने वाली बाधाएं ऐसे दूर हो जाएँगी जो आपने कभी सोचा ही नहीं होगा, दरअसल माँ पार्वती शिव की शक्ति हैं और ये स्त्रोत माँ पार्वती को समर्पित है, दो तरह के शिव भक्त होते हैं एक तो शक्ति उपासक और दूसरे शिव उपासक, अगर कोई सच्चे मन से शिव के इस शक्ति रूप की उपासना करता है तो उसके जीवन में आने वाली सभी तरह की समस्याएं धीरे धीरे कम होती चली जाती हैं।
प्रेम विवाह करने के लिए पार्वती पंचक स्तोत्र बहुत ही प्रभावशाली होता है। यह स्तोत्र प्रेम और विवाह से सम्बंधित सभी समस्याओं को दूर करके संयोग में सुधार लाता है। इस स्तोत्र को प्रतिदिन 108 बार पढ़ने से प्रेम विवाह जल्दी होने में मदद मिलती है।
पार्वती पंचक स्तोत्र एक प्रभावशाली और महत्वपूर्ण स्तोत्र है जो भगवानी पार्वती के मातृ रूप की प्रशंसा और आराधना करता है। यह स्तोत्र विभिन्न उद्देश्यों जैसे विवाह, धन प्राप्ति और विद्या प्राप्ति में सहायता करता है। सभी श्रद्धालु मां पार्वती की कृपा और आशीर्वाद के लिए पार्वती पंचक स्तोत्र का नियमित रूप से पाठ कर सकते हैं।
पार्वती पंचक स्तोत्र पीडीएफ डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें
पार्वती पंचक स्तोत्र पाठ के फायदे क्या हैं?
अभी आपने जो पार्वती पंचक स्त्रोत्र पढ़ा, यह देवों के देव महादेव भगवान शंकर (शिव जी) और माँ पार्वती का ही स्त्रोत्र है, इस पार्वती पंचक स्तोत्र का नियमित रूप से पढ़ने से अनेकों प्रकार के घर गृहस्थी के जीवन में फायदे होते है।
पति-पत्नी प्राप्ति के लिए पार्वती पंचक स्तोत्र ?
अक्सर लोग मोबाइल पर विवाह के लिए स्त्रोत्र ढूंढते रहते हैं, पर उनको अलग अलग प्रकार के स्त्रोत्र मिलते हैं जिससे उन्हें confusion होता है और फल नहीं मिलने के कारण से श्रद्धा बँट जाती है पर यहाँ जो पार्वती पंचक स्त्रोत्र बताया गया है, यह सर्वश्रेष्ठ फलदायी है इससे विवाह का योग तत्काल बन जाता है।
पार्वती पंचक स्त्रोत्र के फायदे क्या है ?
पार्वती पंचक स्त्रोत्र के फायदे सबसे पहला विवाह का योग बनता है, प्रेम संबधों में अड़चन दूर होती है, गरीबी दूर होती है, और भी घर गृहस्थी में किसी भी प्रकार की समस्या हो तो उसका भी हल हो जाता है।
पत्नी व पति प्राप्ति के लिए क्या करें ?
बहुत जल्द विवाह के योग के लिए, प्रेम विवाह के लिए सर्वोत्तम उपाय है कि पार्वती पंचक स्तोत्र का नियमित रूप से पूर्ण समर्पण के साथ पाठ करें और आने वाली अड़चनों को दूर करें, मां पार्वती कि कृपा बहुत जल्दी बरसेगी और कुछ ही दिनों में मनचाहा पति व पत्नी प्राप्त होगा